This page uses Javascript. Your browser either doesn't support Javascript or you have it turned off. To see this page as it is meant to appear please use a Javascript enabled browser. नगर पालिका परिषद जसपुर ऊधमसिंह नगर

नगर पालिका परिषद जसपुर,ऊधमसिंह नगर का इतिहास

जसपुर (Jaspur) भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ मण्डल के उधमसिंहनगर ज़िले में स्थित एक नगर और नगरपालिका बोर्ड है। यहां पर घना वन क्षेत्र होने तथा राज्‍य की सीमा के पास होने के कारण से चन्‍द्र वंश की छावनी यहीं पर स्‍थापित थी। कहा जाता है कि जसपुर की स्‍थापना चन्‍द्र वशं के सुप्रसिद्ध सेनापति यशोधर सिंह अधिकारी द्वारा की गयी थी। जिसका नाम यशपुर था कालान्‍तर में अपभ्रन्‍श होकर जसपुर हो गया। मैदानी क्षेत्र में होने के बावजूद यह कस्बा रेल लाइन से नहीं जुड़ा है। पं बद्रीदत्त पाण्डे के अनुसार "जसपुर को, कहते हैं कि कुमाऊँ के राज्य मंत्री यशोधर जोशी जी ने बसाया था। यह एक छोटा-सा नगर है। काशीपुर से साढ़े आठ मील दूर है। सन् १८५६ में यहां पर टाउन एक्ट लगाया गया था। यहां कपड़ा बनता है। छपाई का काम भी अच्छा होता है। अकबर के जमाने में इसका नाम शहजगीर था।" नगरनिकाय परिषद जसपुर के अनुसार १८ नवम्बर १८५९ को टाउन एरिया कमेटी जसपुर का गठन किया गया था जबकि पं0 बद्रीदत्त पाण्डे के अनुसार यहां सन् १८५६ में टाउन एक्ट लागू हुआ। २१ सितम्बर १९६२ को इस नगर निकाय को नोटीफाइड एरिया कमेटी में परिवर्तित कर दिनांक ३ अक्टूबर १९६८ से चतुर्थ श्रेणी की नगरपालिका का स्तर प्रदान किया गया। यहाँ पर बहुत से बागान है, विशेषतः आम, अमरूद, कस्टर्ड सेब। यहाँ से होकर जाने वाले आगंतुक इन फलों का आनन्द ले सकते हैं। जिम कॉर्बेट पार्क यहाँ से निकट होने के कारण बहुत से आगंतुक जसपुर से होकर जाते हैं। यहाँ पर विश्‍व प्रसिद्ध पंचमुखी महादेव का मन्‍दिर स्‍थापित है। हिडिम्‍बा देवी का मन्‍दिर पास में ही स्‍थापित है जहां पर विराट मेला लगता है।

शहर के मौ० जटवारा में श्री ठाकुर मन्दिर जसपुर शहर के मध्य में स्थित क्षेत्र का प्रसिद्ध मन्दिर है। इस मन्दिर में हिन्दू धर्म के सभी पर्व अत्यधिक हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते हैं। इस मन्दिर के स्थान को होली चौराहा के नाम से भी जाना जाता है। जसपुर में विशेषकर लकड़ी का व्यापार बहुत बडे स्तर पर होता है यहां की लकड़ी मंडी समस्त उत्तर भारत में प्रसिद्ध है। यहां प्रायः शाल, सागौन, शीशम, पॉपलर, लिप्टिस आदि कीमती लकड़ी उपलबध हो जाती हैं। लकड़ी का व्यापार विशेषकर मुस्लिम समुदाय के लोग करते हैं। यहाँ कपड़े, सोने चांदी का व्यापार, इलैक्टानिक्स बाजार बहुत प्रचलित हैं। जसपुर का प्रसिद्ध भोज है कचरी जो (सिंघाड़ा) जल अखरोट से बनाया जाता है और यहाँ के स्थानीय रेस्त्रांओं में परोसा जाता है।

शिक्षा की दृष्‍टि से जसपुर का महत्‍वपूर्ण स्‍थान है, यहां पर 100 राजकीय प्राथमिक विद्यालय, 24 राजकीय उच्‍च प्राथमिक विद्यालय व 14 राजकीय उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय तथा 5 राजकीय इण्‍टर कालेज अवस्‍थित हैं। साथ ही महाविद्यालय एवं सी॰बी॰एस॰ई॰ तथा आई॰सी॰एस॰ई॰ द्वारा संचालित अन्‍य प्रसिद्ध संस्‍था हैं। विकास स्‍तर पर खण्‍ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं बी॰आर॰सी॰ स्‍थापित है, जहां से सभी शैक्षिक गतिविधियां संचालित की जाती हैं।